जगन्नाथ मंदिर, पुरी: भगवान जगन्नाथ का दिव्य निवास
पुरी, ओडिशा में स्थित जगन्नाथ मंदिर एक भव्य हिंदू मंदिर है जो भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा को समर्पित है। यह मंदिर चार धामों में से एक माना जाता है और विश्व धरोहर स्थल भी है।
यहां कुछ विशेष बातें हैं जो आपको जगन्नाथ मंदिर के बारे में जाननी चाहिए:
इतिहास:
इस मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में राजा अनंतवर्मन चोदगंगदेव ने करवाया था।
ऐसा माना जाता है कि भगवान जगन्नाथ की मूर्ति स्वयंभू है, यानी वह धरती से ही प्रकट हुई है।
मंदिर पर कई आक्रमणों और प्राकृतिक आपदाओं का इतिहास रहा है, जिनमें से प्रत्येक में मंदिर चमत्कारिक रूप से बच गया।
वास्तुकला:
यह मंदिर कलिंग वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण है।
यह 218 फीट ऊंचा है और इसमें चार दरवाजे हैं।
मंदिर के चारों ओर एक विशाल परिसर है जिसमें कई मंदिर, मंडप और धर्मशालाएं हैं।
रथ उत्सव:
रथयात्रा जगन्नाथ मंदिर का सबसे प्रसिद्ध त्योहार है।
इस त्यौहार में, भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की विशाल लकड़ी की मूर्तियों को रथों में रखा जाता है और शहर के चारों ओर ले जाया जाता है।
यह त्यौहार काफी समय से मनाया जा रहा है और हर साल लाखों श्रद्धालु इसमें भाग लेते हैं।
अन्य सुविधाओं:
प्रसाद, जिसे महाप्रसाद के नाम से जाना जाता है, मंदिर में वितरित किया जाता है, जिसे भक्तों द्वारा पवित्र माना जाता है।
मंदिर में साल भर कई अनुष्ठान और त्यौहार मनाये जाते हैं।
यह मंदिर हिंदू धर्म में आस्था और भक्ति का प्रतीक है।
कुछ रोचक तथ्य:
गैर-हिन्दुओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं है।
मंदिर के शीर्ष पर स्थित झंडा हमेशा हवा के विपरीत लहराता है।
मंदिर में काष्ठ कला के अद्भुत नमूने देखने को मिलते हैं।
अगर आप भारत आएं तो जगन्नाथ मंदिर जरूर जाएं। यह एक धार्मिक और सांस्कृतिक अनुभव होगा जिसे आप जीवन भर याद रखेंगे।
कृपया ध्यान दें:
मंदिर में दर्शन के लिए कपड़ों के सख्त नियम लागू होते हैं। पुरुषों को धोती और कुर्ता पहनना चाहिए और महिलाओं को साड़ी या सलवार-कमीज़ पहनना चाहिए।
मंदिर में कैमरा और मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं है।
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