तेलंगाना के राजन्ना सिरसिला गांव की रहने वाली बदावत मधुलता एक साधारण परिवार से आती हैं, लेकिन उनके सपने बड़े थे। उन्होंने JEE मेन और एडवांस्ड परीक्षा में बेहतरीन प्रदर्शन किया और 824 रैंक हासिल की। यह एक ऐसा रैंक है जो किसी भी छात्र को IIT में प्रवेश दिला सकता है। लेकिन मधुलता के सपनों को उनकी आर्थिक स्थिति ने चकनाचूर कर दिया है।
मधुलता के पिता एक किसान हैं और उनकी आय बहुत कम है। वे अपनी बेटी को IIT भेजने का खर्च वहन नहीं कर सकते। मधुलता के परिवार ने कई जगहों पर मदद मांगी, लेकिन उन्हें कोई सहायता नहीं मिली।
मधुलता को अपनी पढ़ाई छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है। वह घर पर बैठकर समय बिता रही हैं और अपने सपनों को देखती हैं। उनके परिवार के लिए यह बहुत दुखदायी स्थिति है।
मधुलता की कहानी यह दर्शाती है कि हमारे देश में शिक्षा प्राप्त करना कितना मुश्किल हो सकता है, खासकर गरीब परिवारों के लिए। मधुलता जैसे छात्रों को उनके सपनों को पूरा करने के लिए सरकार को अधिक से अधिक मदद देनी चाहिए।
यह स्थिति कई अन्य छात्रों की भी कहानी है। सरकार को गरीब परिवारों के छात्रों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए अधिक से अधिक छात्रवृत्ति और अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवानी चाहिए। देश के भविष्य के लिए यह बहुत जरूरी है।
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