एक सुनसान रात, अंशिका (20s) अपने कॉलेज हॉस्टल के कमरे में अकेली बैठी है. उसके लैपटॉप पर एक ख़तरनाक दिखने वाली फ़ाइल खुली हुई है, जिसमें कुछ अजीब सिंबल और कोड्स दिख रहे हैं. अचानक उसके फ़ोन पर एक अननोन नंबर से कॉल आता है. वह डरते-डरते कॉल उठाती है.
एक धीमी, डरावनी आवाज़ बोलती है: "मुझे पता है तुमने क्या देखा है..."
अंशिका का चेहरा सफ़ेद पड़ जाता है. वो तुरंत कॉल काट देती है. उसके हाथ काँपने लगते हैं.
अगले दिन, कॉलेज में सब कुछ सामान्य लग रहा है, लेकिन अंशिका को हर जगह एक अजीब साया महसूस हो रहा है. वो अपनी बेस्ट फ्रेंड, रिया (20s) से बात करने की कोशिश करती है, लेकिन रिया उसे अनदेखा करती है, मानो वो किसी और ही दुनिया में हो.
एक सीन में अंशिका लाइब्रेरी में बैठी है. अचानक एक किताब शेल्फ़ से गिरती है, और उसके अंदर से एक पुराना, पीला पड़ चुका नोट निकलता है. नोट पर वही अजीब सिंबल बने हुए हैं जो उसने कल रात लैपटॉप पर देखे थे.
रात होती है और अंशिका को अपने कमरे में अजीब-अजीब आवाज़ें सुनाई देती हैं. दरवाज़ा अपने आप खुलता है और बंद होता है. खिड़की से ठंडी हवा आती है, लेकिन बाहर कोई नहीं दिखता.
एक सीन में अंशिका भाग रही है, उसके पीछे कोई अदृश्य शक्ति है. वो हाँफ रही है और उसकी आँखें डर से भरी हैं.
एक और दृश्य आता है जहाँ अंशिका के हाथ में वही नोट है, और वो उसे गौर से देख रही है. उसकी आँखों में कुछ समझ आ रहा है, लेकिन तभी उसके पीछे से एक भयानक चीख सुनाई देती है और स्क्रीन काली हो जाती है.
क्या अंशिका उस रहस्य को सुलझा पाएगी?
क्या उसे पता चलेगा कि उस अजनबी आवाज़ के पीछे कौन है?
या वो भी उस साये का शिकार हो जाएगी?
'अजनबी साया' – Next - part 2.
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