अमेरिका और भारत के बीच व्यापार और भू-राजनीतिक संबंधों में तनाव लगातार बढ़ रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में, अमेरिका ने पहले ही रूस से तेल खरीदने के कारण भारत पर अतिरिक्त टैरिफ लगाए हैं, जिससे भारत के लिए कुल अमेरिकी टैरिफ 50% तक हो गया है। इस बीच, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इस मुद्दे पर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है, जिससे भविष्य की अमेरिकी रणनीति के बारे में संकेत मिलते हैं।
मार्को रुबियो का बयान:
* 'ठीक करने' की उम्मीद: मार्को रुबियो ने कहा है कि ट्रंप प्रशासन को उम्मीद है कि वह रूस से तेल खरीद को लेकर भारत पर लगाए गए "कदमों" (टैरिफ) को "ठीक" कर सकता है। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा, "मुझे उम्मीद है कि हम इसे ठीक कर सकते हैं।" यह बयान दर्शाता है कि अमेरिका भारत पर दबाव बनाए रखने के बावजूद इस विवाद का समाधान चाहता है।
* यूरोपीय देशों पर निशाना: रुबियो ने इस बात पर भी जोर दिया कि यूरोप को रूस पर और अधिक प्रतिबंध लगाने चाहिए। उन्होंने कहा कि यह बेतुका है कि कई यूरोपीय देश अब भी रूस से बड़ी मात्रा में तेल और गैस खरीद रहे हैं, जबकि वे अमेरिका से और अधिक कार्रवाई की उम्मीद करते हैं। इस बयान से अमेरिका की दोहरी रणनीति सामने आती है, जिसमें वह भारत को निशाना बनाने के साथ-साथ यूरोपीय देशों पर भी दबाव बनाना चाहता है।
* भारत की ऊर्जा जरूरतों को समझा: मार्को रुबियो ने यह भी स्वीकार किया कि भारत की ऊर्जा से जुड़ी जरूरतें बड़ी हैं और रूस से सस्ता तेल खरीदना उसके लिए जरूरी है। हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि इससे रूस को यूक्रेन युद्ध में आर्थिक मदद मिल रही है, जिसे अमेरिका सही नहीं मानता।
ट्रंप की रणनीति:
* ट्रंप ने भारत पर पहले 25% का टैरिफ लगाया था, जिसे बाद में रूस से तेल खरीद के बहाने 50% तक बढ़ा दिया। यह कदम भारत के निर्यातकों के लिए बड़ी चुनौती बन गया है।
* एक ओर, ट्रंप भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर, उनकी सरकार भारत के खिलाफ कड़े व्यापारिक कदम उठा रही है। विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप भारत पर व्यापारिक रियायतें हासिल करने के लिए दबाव बना रहे हैं।
* भारत ने इस टैरिफ को "अनुचित" और "अव्यवहारिक" बताया है, जबकि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत ने अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, क्योंकि भारत के पास "बड़ी सोच" है।
निष्कर्ष:
मार्को रुबियो के बयान से संकेत मिलता है कि ट्रंप प्रशासन इस विवाद को सुलझाने का रास्ता तलाश रहा है। हालांकि, भारत पर लगे टैरिफ फिलहाल बने हुए हैं। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि दोनों देश इस मुद्दे को कैसे सुलझाते हैं और क्या भारत पर और भी टैरिफ लगाए जाएंगे या फिर व्यापारिक समझौते के जरिए इस विवाद का समाधान निकाला जाएगा।

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