शहजादी आराम बानू बेगम, मुगल बादशाह अकबर की सबसे छोटी और लाडली बेटी थीं। उनका जन्म 22 दिसंबर 1584 को अकबर और उनकी पत्नी बीबी दौलत शाद से हुआ था। वह अपनी सुंदरता, चंचलता और तेज तर्रार स्वभाव के लिए जानी जाती थीं।
हरम की तितली
उन्हें "हरम की तितली" कहा जाता था क्योंकि उनका व्यक्तित्व तितली की तरह ही चंचल और जीवंत था। वह हरम में हमेशा हंसती-खेलती, सबसे बातें करती और माहौल को खुशनुमा बनाए रखती थीं। वह बहुत स्पष्टवादी और मुखर थीं। उन्हें किसी भी गलत बात का विरोध करने से डर नहीं लगता था, यहां तक कि वह अपने पिता अकबर से भी वाद-विवाद कर लेती थीं।
अकबर का लाड-प्यार
अकबर अपनी इस छोटी बेटी से बहुत प्यार करते थे और उसे "लाडली बेगम" कहकर पुकारते थे। इतिहासकारों का मानना है कि आराम बानू के मुखर स्वभाव के बावजूद अकबर उनके इस व्यवहार को भी प्यार मानते थे और इसे बुरा नहीं मानते थे। ऐसा कहा जाता है कि अपनी मृत्यु से पहले, अकबर ने अपने बेटे जहांगीर से अपनी बहन आराम बानू की देखभाल करने का अनुरोध किया था।
अविवाहित जीवन
आराम बानू बेगम ने कभी शादी नहीं की और वह अपने भाई जहांगीर के शासनकाल में उनके साथ रहीं। 17 जून 1624 को पेचिश के कारण उनकी मृत्यु हो गई। उन्हें आगरा के सिकंदरा में अकबर के मकबरे में दफनाया गया।
0 Comments