9 मई 2019 को नेपाल में एक ऐसा सनसनीखेज हत्याकांड सामने आया, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। नेपाल की मशहूर मॉडल अंजना लामा की लाश दो टुकड़ों में मिली। सिर धड़ से अलग था, और हाथ-पैर लाश के पास कटे हुए पड़े थे। यह घटना न सिर्फ क्रूरता की हदें पार करती है, बल्कि एक ऐसे सामाजिक ताने-बाने को उजागर करती है, जिसमें महिलाओं की सफलता कई बार उनके लिए ही खतरा बन जाती है।
मायके फोन आया: “जल्दी आओ... कुछ अनहोनी हो गई है”
अंजना के मायके वालों को सुबह-सुबह फोन आया। दूसरी तरफ अंजना के ससुर थे, जो रोते हुए बोले, "तुरंत आ जाओ, कुछ बुरा हो गया है।" जब परिवार वाले उसके ससुराल पहुंचे, तो वहां भारी भीड़ लगी हुई थी। पुलिस अंदर जांच कर रही थी और बाहर पड़ोसी स्तब्ध खड़े थे। अंजना के ससुराल वाले दरवाजे पर बैठे रो रहे थे।
कमरे में मिला बर्बरता से कटा हुआ शव
पुलिस जब अंदर पहुंची तो जो नज़ारा था, वह दिल दहला देने वाला था। अंजना की लाश बेडरूम के फर्श पर पड़ी थी — दो हिस्सों में। सिर एक कोने में पड़ा था, धड़ दूसरी ओर। हाथ-पैर भी शरीर से अलग थे। चारों ओर खून फैला था। यह किसी सामान्य हत्या का मामला नहीं था — यह साफ तौर पर किसी गहरे गुस्से या नफरत का परिणाम था।
पति पर आया शक — और वही निकला कातिल
जांच में पुलिस को सबसे पहले शक अंजना के पति पर हुआ, जो उस समय घर पर नहीं था। पूछताछ और फॉरेंसिक रिपोर्ट से पता चला कि दोनों के बीच पिछले कुछ महीनों से रिश्ते अच्छे नहीं चल रहे थे। अंजना एक सफल मॉडल थी, जो कई बड़े फैशन शो और विज्ञापनों में नजर आ चुकी थी। पति को अंजना की बढ़ती लोकप्रियता और कामयाबी से जलन होती थी।
हत्या की रात दोनों के बीच झगड़ा हुआ था। गुस्से में आकर पति ने अंजना की हत्या कर दी और उसके बाद शव के टुकड़े किए ताकि किसी को शक न हो। लेकिन फॉरेंसिक टीम और मोबाइल कॉल रिकॉर्ड ने सच्चाई उजागर कर दी। पति को गिरफ्तार कर लिया गया।
समाज और कानून पर उठे सवाल
इस हत्या ने नेपाल में महिलाओं की सुरक्षा और घरेलू हिंसा पर नई बहस छेड़ दी। सोशल मीडिया पर "Justice for Anjana" हैशटैग ट्रेंड करने लगा। महिला संगठनों ने प्रदर्शन किया और अंजना के लिए न्याय की मांग की। अंततः अदालत ने आरोपी पति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
निष्कर्ष
अंजना लामा की यह दुखद और वीभत्स हत्या न सिर्फ एक क्राइम स्टोरी है, बल्कि यह उस मानसिकता को भी उजागर करती है, जिसमें महिलाएं जब अपने सपनों को सच करने लगती हैं, तो कई बार उनका ही जीवन खतरे में पड़ जाता है। यह मामला हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि समाज को महिलाओं की आज़ादी और आत्मनिर्भरता को लेकर अब भी कितनी दूर जाना बाकी है।
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